राधा स्वामी सत्संग ब्यास से संबन्धित पूरी जानकारियाँ | जानें राधा स्वामी सत्संग ब्यास का इतिहास | संस्थापक | लंगर की क्षमता | अस्पताल | पंडालों में रहने की क्षमता | सराओं और पंडालों में बैठने और सोने की क्षमता
राधा स्वामी सत्संग ब्यास
राधा स्वामी सत्संग मत श्री शिव द्याल साहिब दवारा स्थापित एक पंथ है | 1861 में वसंत पंचमी के दिन पहली बार इसे आम लोगों के लिए जारी किया गया था | आगरा में द्यालबाग इसी राधा स्वामी मत का एक मुख्य मंदिर है | विश्व में इस विचार धारा का पालन करने वाले 2 करोड़ से भी अधिक लोग हैं | डेरा ब्यास जालंधर से लगभग 25 Km और अमृतसर से 40 Km दूर ब्यास नामक जगह पर स्थित है |
यह स्थान रेल मार्ग से भी जुड़ा हुआ है | डेरे के पास 4000 एकड़ से भी अधिक भूमि है | इसकी स्थापना 1891 में की गयी थी | इस समय लगभग 100 देशों के लोग डेरे से जुड़े हुए हैं | यह एक ऐसी संस्था है जो किसी भी राजनीतिक पार्टी से नही जुड़ी है और अपनी संगत को बिना किसी लाभ से बस्तुएँ उपलब्ध करवाती है | राधा स्वनी सत्संग ब्यास का मुख्य उद्देश्य लोगों को धार्मिक संदेश देना है | राधा का अर्थ आत्मा से है तथा स्वामी का अर्थ भगवान अर्थार्थ आत्मा के भगवान | सत्संग का अर्थ है सचाई से परिचय कराना |
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के संस्थापक
राधा स्वामी मत के संस्थापक परम पुरुष पूरण धनी हज़ूर स्वामी जी महाराज हैं | पूरण धनी हज़ूर स्वामी जी का जन्म 24 अगस्त 1818 की पनी गली आगरा में हुआ था | पूरण धनी हज़ूर स्वामी जी का बचपन का नाम श्री शिव द्याल साहिब है | पूरण धनी हज़ूर स्वामी जी सुरत शब्द योग के अभ्यास में लीन रहते थे | स्वामी जी महाराज के प्यारे शिष्यों में से एक बाबा जैमल सिंह जी थे | उन्होनें आगरा में नाम दान देकर बाबा जी के पंजाब में ब्यास नदी के किनारे साधना करने और लोगों का उधार करने को कहा | बाद में बाबा जैमल सिंह ही डेरा ब्यास के संस्थापक बने | उन्ही के नाम से डेरा बाबा जैमल सिंह ब्यास पड़ा | बाबा जैमल सिंह जी का जन्म पंजाब के गाँव लठ घुमान नज़दीक बटाला जिला गुरदासपुर में जुलाई 1839 में हुआ था |
इस मत में जितने भी संत हुए हैं उन सब नें एक ही बात पर ज़ोर दिया है वह है “सूरत शब्द भोग” यानी अपनी सुनने की शक्ति को शब्द यानी नाम के साथ जोड़ना है |
राधा स्वामी सत्संग ब्यास में लंगर और अस्पतालों की क्षमता
डेरे में लंगर की व्यवस्था बहुत ही अच्छी है | लंगर वाला स्थान लगभग 48 एकड़ में फैला हुआ है | लंगर में लोगों के बैठने की क्षमता 50,000 तक है | 50,000 लोग एक साथ लंगर खा सकते हैं , साथ ही डेरे में भोजन भंडार भी बनाए गये हैं , जहाँ वाजीव पैसे में भोजन कर सकते हैं | लंगर च्लाने का एक उदेश्य और भी है की इस से संगत को सेवा करने का मौका मिलता है , आपस में प्रेम भाव बड़ता है और अमीर ग़रीब , उन्च नीच की भावना से ह्मारा ख्याल निकलता है |
डेरे ने 3 अस्पताल भी बनवाए हैं , जो लोगों की मुफ़्त में दिन रात सेवा करते हैं | इन अस्पतालों में नवेंबेर महीने में आँखों के ऑपरेशन के लिए कैंप लगता है | यहाँ लगभग 200 डॉक्टर 5 से 7 हज़ार लोगों का ऑपरेशन मुफ़्त में करते हैं | 2001 में भुज में भयंकर भूकंप आया था उसमें बहुत से इमारतें जिनमें स्कूल भी थे पूरी तारह तबाह हो गये थे | डेरे की तरफ़ से 92 स्कूल फिर से बनवाए गये थे |
अस्पतालों के नाम इस प्रकार हैं :–
- महाराज सावन सिंह चरीटेबेल अस्पताल व्यास (पंजाब) [ Maharaj Sawan Singh Charitable Hospital Beas,Punjab ]
- महाराज चरण सिंह अस्पताल सिकन्दरपुर (हरियाणा) [ Maharaj Charan Singh Charitable Hospital Sikandarpur,Hariyana ]
- Bhota Charitable Hospital [ Himachal Pradesh ]
महाराज चरण सिंह के कुछ वचन:
- परमात्मा अपने आपको हमारे ज़रिए पूजता है |
- जब वह हमारे अंदर है तो हम दूसरों को धोका दे सकते हैं , अपने आप तक को धोका दे सकते हैं , लेकिन उस से कुछ नही छिपा सकते |
- दूसरों को परखने से पहले हमें चाहिए कि हम अपने आपको परखें |
- हृदय के घावों के अचूक द्वा है प्रेम और क्षमा |
- प्रेम के सामने मार्ग की सब बाधाएँ डोर हो जाती हैं |
- स्वभाव की सरलता संतों का ख़ास गुण है |
- एकांत हमारा सर्वोतम साथी है |
- दुनिया एक पुल है उस पर च्लो किंतु मकान ना बनाओ |
- मालिक जानता है कि हमारे लिए क्या बेहतर है |
- जो कुछ हमने सीख रखा है उसे भूल जाना ही सच्चा ज्ञान है |
राधा स्वामी सत्संग ब्यास में सराओं और पंडालों में बैठने और सोने की क्षमता
डेरे में संगत के रहने की व्यवस्था बहुत अच्छी है | यहाँ रहने के लिए सराय , गेस्ट होस्टल और शेड हैं जहाँ संगत आराम से रह सकती है | सराय और गेस्ट होस्टल में रहने के लिए पहले से बुकिंग करवानी पड़ती है | लेकिन शेडों में सभी संगत बिना बुकिंग से रह सकती है |
Sarai & Hostel’s Details :-
Sarai | Rooms / Halls | Beds |
Hostel No. 1 To 3 | 261 | 660 |
Hostel No. 4 & 5 | 288 | 556 |
Hostel No. 8 | 124 | 496 |
Hostel No. 10 & 11 | 1460 | 3320 |
Sitting & Sleeping Capacity In Sheds :-
Shed Number | Sitting Capacity | Sleeping Capacity |
1. | 31920 | 15960 |
2. | 31920 | 15960 |
3. | 27720 | 6930 |
4. | 27720 | 6930 |
5. | 27720 | 6930 |
6. | 27720 | 6930 |
7. | 48000 | 13500 |
8. | 48000 | 13500 |
9. | 48000 | 13500 |
10. | 23632 | 6440 |
11. | 28622 | 6440 |
12. | 36400 | 8190 |
13. | 36400 | 8190 |
Parking Capacity :-
Govt. Buses | Private Buses | Tractor Trolly | Tempo / Tracks | Cars | Two Wheelers | Total | |
Gate No. 5 | 200 | 1100 | 250 | 350 | 8500 | 3400 | 13800 |
Gate No. 8 | 125 | 275 | 825 | 1100 | 1800 | 1300 | 5425 |
Sitting & Sleeping Capacity In Satsang Pandal’s :-
Satsang Pandal — 1 | 76320 | 17172 |
Satsang Pandal — 2 | 335000 | 75380 |
- TOTAL CAPACITY OF SLEEPING IN DERA BEAS — 239948
Baba ji Radha swami ji
App ji ke sare sangat per hamesha kirpa bane rahe yehi hamre app ji sey ardash he
Radha swami ji
RADHA SWAMI JI
it’s good I like it Jai hoo Radha swami ji
Good