Mukhyamantri Nirashrit Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana | Yogi Nirashrit Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana | मुख्यमंत्री निराशरित बेसहारा गौवांश सहभागिता योजना उत्तर प्रदेश | UP Nirashrit Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana
6 August 2019 को हुई कॅबिनेट मीटिंग में योगी सरकार नें मुख्यमंत्री निराशरित बेसहारा गौवांश सहभागिता योजना को शुरू करने की घोषणा की है आवारा पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और सड़कों पर उनके हादसों का आँकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है | इन्ही हादसों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार नें इस योजना को शुरू करने का फ़ैसला लिया है |
श्रीकांत शर्मा जो की उत्तर प्रदेश के कॅबिनेट मिनिस्टर हैं उन्होने कहा आवारा पशुओं का रख रखाव योगी सरकार की पहली प्राथमिकता है | आवारा पशुओं की देखभाल के लिए सरकार्बाहुत से कदम उठा रही है लेकिन लोगों की सहायता के बिना यह कार्य संभव नही है | इसलिए सरकार इस योजना को शुरू कर रही है |

Mukhyamantri Nirashrit Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana
Mukhyamantri Nirashrit Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana
इस योजना को शुरू करने से किसान लोगों अब पैसा कमा सकेंगे | सरकार नें तय किया है एक गाय की देख रेख के लिए सरकार किसानों को 90 रुपय प्रति दिन देगी |
इस प्रकार वह महीने में 1 निराशरित गाय को पालने का 900 रुपय कम सकेंगे | वहीं यदि वह 10 गाय को पालते हैं तो किसान एक महीने में 9000 रुपय कमा लेंगे |
यह राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे ट्रान्स्फर कर दिए जाएँगे | इस योजना का कुल बजट 109 करोड़ 50 लाख रुपय है |
उत्तर प्रदेश में निराशरित पशुओं की संख्या 10 से 12 लाख है | ऐसे पशुओं का भरण पोषण के लिए सरकार नें इस योजना को शुरू किया है | इसके साथ ही गौ सरक्षण केद्र, आश्रय स्थल, पशु विहार शुरू करने जा रही है |
UP Nirashrit Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana Benefits
इस योजना को शुरू करने से आवारा पशुओं की संख्या में कमी आएगी |
आवारा पशु जो भूख के कारण सड़क पर पड़े प्लास्टिक या कचरा कुछ भी खा लेते हैं जिसके कारण उनक मौत हो जाती है, ऐसे हादसे कम होंगें |
किसान लोग इस पशुओं की सेवा कर अब पैसे कम सकेंगे |
सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण होने वाले हादसे कम होंगे |
मुख्यमंत्री निराशरित बेसहारा गौवांश सहभागिता योजना उत्तर प्रदेश
इस योजना के तहत DM पशुपलकों और किसानों जो कि पशुओं को पलेंगे उन्हें चिन्हित करेंगे | उनके खाते में पैसे DBT के ज़रियर भेज दिए जाएँगे | पशुओं की देख रेख करने से पहले tagging की जाएँगी ताकि विभाग के पास उनका रेकॉर्ड रहे | पशुओं और पशुपलकों का रेकॉर्ड DM रखेंगे और इस बात का भी ध्यान रखेंगे की पशुपालक या किसान इन पशुओं को बेचे ना | इस तरह से आप Mukhyamantri Nirashrit Besahara Gauvansh Sahbhagita Yojana का लाभ ले सकेंगे |